मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है ग्रामवासियों को
सरायपाली. विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बलेण्डा के ग्रामीणों को इन दिनों कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. यहां एक ओर जहां सीसी रोड अब तक नहीं बन पाया है वहीं अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणों को तरसना पड़ रहा है. नल जल योजना व प्रधानमंत्री आवास जैसे अति आवश्यक चीजें भी हितग्राहियों को सही ढंग से नसीब नहीं हो पायी है. इसके अलावा गांव में अन्य कई समस्याएं भी हैं, जिसके कारण ग्रामीणों में पंचायत के प्रति काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
ग्राम पंचायत बंदलीमाल के आश्रित ग्राम बलेण्डा के ग्रामीण इन दिनों विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. ग्रामीण विद्याधर पटेल, जीत राम पटेल, दुर्देशी दास आदि ने बताया कि गांव में आज तक सीसी रोड भी नहीं बनाया गया है. जिससे बरसात के दिनों में गलियों में कीचड़ हो जाता है और ग्राम वासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. जबकि क्षेत्रीय विधायक किस्मतलाल नंद के द्वारा यहां सीसी रोड बनाए जाने की घोषणा भी की गई है, लेकिन आज तक ग्रामीणों को सीसी रोड नसीब नहीं हुआ है. वहीं गांव में नल जल योजना भी पूरी तरह फेल हो चुकी है. शासकीय बोरवेल के साथ-साथ गांव के स्कूल व आंगनबाड़ी के बोर भी बंद हैं, जिसके कारण पेयजल के लिए बहुत अधिक परेशानी हो रही है. ग्राम वासी आस पास के निजी बोरवेल वाले घरों से पानी लाने के लिए मजबूर हैं.
और भी हैं कई समस्याएं
नवभारत से चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने गांव की अन्य समस्याओं के बारे में बताते हुए कहा कि यहां अभी तक कई लोगों को पीएम आवास भी नहीं मिल पाया है, जिसके कारण उन्हें पुराने कच्चे मकानों में ही किसी तरह अपना गुजारा करना पड़ रहा है और वे लोग पीएम आवास की आस में बैठे हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने शौचालय निर्माण में भी बंदरबांट होने की बात कही. उन्होंने बताया कि शौचालय निर्माण में सरपंच के द्वारा अपने चहेतों को लाभ दिया गया है एवं स्वयं की राशि से शौचालय बनाने वाले कई लोगों को अभी तक राशि भी प्राप्त नहीं हुई है.
ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान बंदलीमाल से भी उन्हें सही मात्रा में राशन प्राप्त नहीं हो रहा है. मिट्टी तेल 1 लीटर के बजाय उन्हें आधा लीटर ही मिल पाता है. जिन हितग्राहियों को 35 किलो चावल मिलना है उन्हें सोसायटी के द्वारा केवल 30 किलो चावल ही दिया जा रहा है. जबकि वर्तमान में गरीबी रेखा राशनकार्ड धारियों को 5 किलो अतिरिक्त चावल भी दिया जाता है. इस तरह से उन्हें प्रतिमाह 10 किलो कम चावल प्राप्त हो रहा है.