- छिबर्रा धान भण्डारण केन्द्र में शाम तक नही ढंक सका कैप कव्हर
मौसम के बदलते तेवर से शहर के प्लास्टिक, तिरपाल आदि बेचने वाले दुकानों में भीड़ लग गयी. धान उपर्जान केन्द्रों में सबसे अधिक धान नुकसान न हो जाए इसके लिए कर्मचारी इसे सुरक्षित रखने की कोशिश में जुटे रहे. वहीं छिबर्रा स्थित धान भंडारण केन्द्र में भी बारिश को ध्यान में कोई इंतजाम नही किए गए थे. केवल सड़क किनारे के स्टेग को ही प्लास्टिक से ढंका गया था बाकि सभी खुले नजर आये. अगर रात को बारिश हो जाय तो धान को बहुत अधिक नुकसान पहुंच सकता है. धान खरीदी में लगे प्रभारियों को सबसे ज्यादा बारिश हो जाने की चिंता सता रही है. कुछ प्रबंधकों से चर्चा करने पर बताया कि टीओ, डीओ सब कट चुका है लेकिन धान उठाव नही होने के कारण अब बारिश आदि से बचाने के लिए उनको ही भाग दौड़ करनी पड़ रही है, जिससे वे परेशान हैं.
बारिश होने पर र्इंट व्यवसाय को नुकसान
बूंदा बांदी ने जोर पकड़ दिया तो र्इंट व्यवसाय को बहुत अधिक नुकसान होगा. इन दिनों ब्लॉक के सैकड़ों जगहों पर र्इंट बनाने का काम जोरों से चल रहा है. अचानक बारिश हो जाने से कच्चा र्इंट खराब हो जाता है. बारिश जोर न पकड़ ले इसके चलते भी र्इंट के कारोबारी प्लास्टिक आदि खरीदने के लिए सुबह से ही शहर के दुकानों में पहुंचते दिखाई दिए. कई महीनों बाद प्लास्टिक आदि बरसात से बचाने वाले साधनों की बिक्री दुकानों में हुई.