काम नहीं आया स्थगन आदेश, पर्यवेक्षक को किया गया कार्यमुक्त


नवभारत सरायपाली. यहां के महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ पर्यवेक्षक कामिनी पटेल का पुन: स्थानांतरण मैनपुर गरियाबंद के लिए हुआ है. उन्हें 4 जनवरी को यहां से कार्यमुक्त किया गया. पूर्व में इनके स्थानांतरण होने पर उन्होने न्यायालय से स्थगन आदेश लाया था. जिसके आधार पर वे अभी तक यहां जमी हुई थी, लेकिन स्थानांतरण प्रकरणों की सुनवाई एवं परीक्षण हेतु गठित वरिष्ठ सचिवों के समिति ने पर्यवेक्षक के अनुशंसा को अमान्य कर स्थानांतरण को सही पाते हुए उन्हें पूर्व स्थानांतरित जगह के लिए नोटिस जारी किया गया. विदित हो कि सुश्री पटेल ने स्थानांतरण आदेश के विरूद्ध न्यायालय ने सचिव को इनका पक्ष रखने हेतु निर्देशित किया था. 9 अगस्त 2017 को वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष विचारार्थ आवेदन प्रस्तुत किया था. आवेदिका ने यह दलील थी कि पर्यवेक्षक के लिए कुल 11 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 7 पद भरे हुए हैं एवं 4 पद रिक्त हैं. वे अभी परीविक्षावधि में है, उन्हें जनजति क्षेत्र में नहीं भेजा जा सकता.
    आवेदिका ने अन्यत्र स्थानांतरण नीति 2017 की कंडिका 14 के उल्लंघन का हवाला देते हुए स्थानांतरण को निरस्त करने की अपील की, लेकिन उनके द्वारा किया गया अपील अमान्य कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक यहां पदस्थ पर्यवेक्षक कामिनी पटेल ने स्वयं को परिविक्षा अवधि में रहते हुए मैदानी क्षेत्र में न देते हुए जनजाति क्षेत्र में भेजे जाने को गलत ठहराते हुए कोर्ट से स्थगन आदेश लाया था, जिसके आधार पर न्यायालय ने भी सचिव को इनका पक्ष सुनने हेतु 12 सप्ताह का समय दिया था. इस बीच सचिवों की समिति ने शासन के आदेश को सही करार देते हुए आवेदन अमान्य करते हुए उन्हें स्थानांतरण हेतु निर्देशित किया गया. जिसके आधार पर 4 जनवरी 2018 को पर्यवेक्षक को सरायपाली से कार्यमुक्त कर दिया गया.

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