बिना लाईट के अंधेरे में तब्दील हो जाता है बाईपास मार्ग

डिवाईडरों में नहीं लगा हाई मास्क लाईट


  • बाईपास मार्ग में अंधेरा छाए रहने से नहीं खुला कुछ व्यवसाय
  • राहगिरों के लिए रात्रि को होती है परेशानी
नवभारत सरायपाली. फोरलेन बनने के एक वर्ष बाद भी बाईपास मार्ग में हाई मास्क लाईट नही लग सका है. जिससे रात्रि के वक्त शहर अंदर आने-जाने वालों को भारी परेशानी हो रही है. बिना लाईट के बाईपास मार्ग किनारे रात्रि के वक्त अराजक तत्व भी अपना डेरा लगाकर कई तरह के अनैतिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं. शहर के घण्टेश्वरी मंदिर से लेकर बैतारी चौक तक घना अंधेरा छाया रहता है. यहां तक की इस सड़क के डिवाईडर में भी लाईट नहीं है. शहर में बाईपास मार्ग बनने से भारी ट्रकों से छूटकारा तो मिल गया लेकिन बाईपास किनारे जिस तरह से व्यवसाय प्रारंभ होनी चाहिए थी वह भी नहीं हुआ. इसका एक कारण भी रात्रि में प्रकाश का व्यवस्था नही होना है.
    बंजारी नाका से लेकर रायपुर तक बने फोरलेन में शहर की आबादी वाले जगहों में लाईटिंग की व्यवस्था की गई है. लेकिन बाईपास मार्ग में हाई मास्क लाईट व डिवाईडर लाईट नहीं लगाया जाना समझ से परे हैं. दूसरे शहरों में डिवाईडर पर लाईट की व्यवस्था की गई है लेकिन सरायपाली बाईपास सड़क में डिवाईडर लाईट की व्यवस्था नहीं है. खासकर पदमपुर रोड ओव्हरब्रिज के ऊपर शाम होते ही अंधेरा छाया रहता है. रायपुर तथा ओड़िशा की ओर से आने वाले वाहन रात के अंधेरे में शहर जाने के लिए भ्रमित दिखाई देते हैं. खासकर जिन्हें घंटेश्वरी से लेकर कुटेला ओव्हरब्रिज तथा बैतारी से कुटेला ओव्हरब्रिज से होकर पदमपुर रोड में जाना है उन्हें कई बार धोखा हो चुका है. यही स्थिति बैतारी डिवाईडर में भी होती है. रात्रि के वक्त पैदल एवं साईकिल से आना-जाना करने वाले राहगिरों को सबसे ज्यादा इस मार्ग में परेशानी हो रही है. बिना लाईट के इन्हें चारपहिया वाहनों से टकराने का डर बना हुआ है. बाईपास मार्ग में लाईटिंग व्यवस्था के लिए जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही बीएससीपीएल कंपनी इस दिशा में कोई कदम उठा रही है.
बाक्स---तीनो डिवाईडरों पर दुर्घटना का भय
बाईपास मार्ग में घंटेश्वरी, पदमपुर मार्ग ओवरब्रिज तथा बैतारी डिवाईडर के पास हाई मास्क लाईट की बेहद आवश्यकता महसूस की जा रही है. इन तीनों स्थानों पर संकेतक जरूर लगा है लेकिन रात्रि के वक्त अंधेरे में यह काम नहीं आ पाता. यही तीनों स्थानों पर सबसे अधिक यातायात का दबाव रहने से दुर्घटना की आशंका हमेशा मंडरा रही है. अंचलवासियों को इस दिशा में मांग किए जाने चाहिए ताकि समय रहते रात्रि के वक्त कोई बड़ी दुर्घटना न घट सके.
शादी ब्याह में आने वाले भटक जाते हैं मार्ग
विगत वर्ष बाईपास सड़क में ओड़िशा की ओर से शादी ब्याह में आने वाले लोग बाजे गाजे, लाईट डेकोरेशन एवं कीर्तन दल रात्रि के वक्त आने वाले वाहन मार्ग भटक चुके हैं. सबसे अधिक ओड़िशा, रायगढ़ तरफ से आकर पदमपुर रोड में प्रवेश करते समय वे राष्ट्रीय राजमार्ग में कई किमी तक मार्ग भटकते देखे गए थे. अभी शादी ब्याह का सीजन शुरू होने वाला है ऐसे में पुन: इस तरह की स्थिति निर्मित हो सकती है.
वॉक में निकले एक शिक्षक की हो चुकी है मौत
इस मार्ग में कुछ महीने पहले शाम के वक्त सड़क किनारे भ्रमण करने निकले एक शिक्षक को एक मोटरसायकल ने ठोकर मार दिया था. जिसके बाद उसका ईलाज रायपुर के एक बडेÞ अस्पताल में 3-4 महीने तक अस्पताल में लाखों खर्च करने के बाद भी जान नहीं बची. इस दुर्घटना से भी सबक लेने की आवश्यकता है.                            

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