पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार
नवभारत सरायपाली. उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत शासकीय कर्मचारी द्वारा अपनी निजी क्लिनिक में एक व्यक्ति का गलत ईलाज किए जाने का मामला सामने आया है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति माह भर बाद भी उसके गलत ईलाज के इंफेक्शन से नहीं उबर पाया है.
जानकारी मुताबिक उप स्वास्थ्य केंद्र धाना पाली में पदस्थ पुरूष स्वास्थ्यकार्यकर्ता राजेंद्र कुमार पटेल का धानापाली में ही एक निजी क्लिनिक भी है, जिसमें पूरे क्षेत्र के लोग ईलाज करवाने कार्यालयीन समय पर भी पहुंचते हैं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य कार्यकर्ता उप स्वास्थ्य केंद्र में कम एवं निजी क्लिनिक में ज्यादा समय देते हैं और शासकीय दवाई लेने की सलाह न देकर निजी क्लिनिक में ईलाज करवाने की भी सलाह उनके द्वारा दी जाती है. उक्त कर्मचारी द्वारा जहां पर शरीर में समस्या होती है वहीं पर ही उनके द्वारा इंजेक्शन लगाया जाता है. ग्राम पंचायत उमरिया के आश्रित ग्राम कोयलारी का घांसीराम यादव भी अपने पैर में दर्द की समस्या होने की वजह से ईलाज करवाने उसके निजी क्लिनिक धानापाली में गया हुआ था. जहां उसे एड़ी के ऊपर इंजेक्शन लगाया गया इंजेक्शन लगाने के बाद पैर की समस्या तो दूर नहीं हुई बल्कि जहां इंजेक्शन लगाया गया था उस स्थान पर मवाद भर गया और वह धीरे-धीरे घाव के रूप में बदल गया. जब उक्त व्यक्ति पुन: डॉक्टर के पास ईलाज के लिए धानापाली गया तो उनके द्वारा ईलाज न कर उन्हें अन्य जगह ईलाज करवाने की सलाह दी गई एवं उसको किसी को भी न बताने के लिए कुछ राशि देकर वापस भेज दिया गया.
गलत ईलाज ने स्वस्थ व्यक्ति को बनाया अपंग
घांसीराम यादव ने बताया कि वे लगभग एक माह से उस घाव की समस्या से नहीं उबर पाए हैं और अब तक हजारों रूपए घाव के ईलाज के लिए वे खर्च कर चुके हैं. पैर में दर्द की समस्या तो दूर नहीं हुई बल्कि अब उन्हें गलत ईलाज से बने घाव के चलते रोजी, रोटी, पैसा का नुकसान के साथ-साथ वे चलने में भी अचल हो गए हैं. डंडे के सहारे उन्हें विगत माह भर से चलना पड़ रहा है. उन्होने शासन से गुहार लगाई है कि उन्हें एक माह की मजदूरी एवं ईलाज की राशि दिलवाई जाए साथ ही उनके जैसे कोई अन्य मरीज इस तरह के डॉक्टर के शिकार न बने इसलिए उक्त कर्मचारी के ऊपर भी उचित कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए.
बाक्स----
इस संबंध में पुरूष स्वास्थ्यकार्यकर्ता राजेंद्र कुमार पटेल से पूछे जाने पर बताया कि 3 माह पूर्व वह व्यक्ति उनके पास ईलाज करवाने के लिए आया था, उनके द्वारा गलत ईलाज नहीं किया गया है. जब उन्हें निजी क्लिनिक चलाने के परमिशन के संबंध में पूछा गया तो वे निजी क्लिनिक नहीं चलाने की बात कहने लगे.
नवभारत सरायपाली. उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत शासकीय कर्मचारी द्वारा अपनी निजी क्लिनिक में एक व्यक्ति का गलत ईलाज किए जाने का मामला सामने आया है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति माह भर बाद भी उसके गलत ईलाज के इंफेक्शन से नहीं उबर पाया है.
जानकारी मुताबिक उप स्वास्थ्य केंद्र धाना पाली में पदस्थ पुरूष स्वास्थ्यकार्यकर्ता राजेंद्र कुमार पटेल का धानापाली में ही एक निजी क्लिनिक भी है, जिसमें पूरे क्षेत्र के लोग ईलाज करवाने कार्यालयीन समय पर भी पहुंचते हैं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य कार्यकर्ता उप स्वास्थ्य केंद्र में कम एवं निजी क्लिनिक में ज्यादा समय देते हैं और शासकीय दवाई लेने की सलाह न देकर निजी क्लिनिक में ईलाज करवाने की भी सलाह उनके द्वारा दी जाती है. उक्त कर्मचारी द्वारा जहां पर शरीर में समस्या होती है वहीं पर ही उनके द्वारा इंजेक्शन लगाया जाता है. ग्राम पंचायत उमरिया के आश्रित ग्राम कोयलारी का घांसीराम यादव भी अपने पैर में दर्द की समस्या होने की वजह से ईलाज करवाने उसके निजी क्लिनिक धानापाली में गया हुआ था. जहां उसे एड़ी के ऊपर इंजेक्शन लगाया गया इंजेक्शन लगाने के बाद पैर की समस्या तो दूर नहीं हुई बल्कि जहां इंजेक्शन लगाया गया था उस स्थान पर मवाद भर गया और वह धीरे-धीरे घाव के रूप में बदल गया. जब उक्त व्यक्ति पुन: डॉक्टर के पास ईलाज के लिए धानापाली गया तो उनके द्वारा ईलाज न कर उन्हें अन्य जगह ईलाज करवाने की सलाह दी गई एवं उसको किसी को भी न बताने के लिए कुछ राशि देकर वापस भेज दिया गया.
गलत ईलाज ने स्वस्थ व्यक्ति को बनाया अपंग
घांसीराम यादव ने बताया कि वे लगभग एक माह से उस घाव की समस्या से नहीं उबर पाए हैं और अब तक हजारों रूपए घाव के ईलाज के लिए वे खर्च कर चुके हैं. पैर में दर्द की समस्या तो दूर नहीं हुई बल्कि अब उन्हें गलत ईलाज से बने घाव के चलते रोजी, रोटी, पैसा का नुकसान के साथ-साथ वे चलने में भी अचल हो गए हैं. डंडे के सहारे उन्हें विगत माह भर से चलना पड़ रहा है. उन्होने शासन से गुहार लगाई है कि उन्हें एक माह की मजदूरी एवं ईलाज की राशि दिलवाई जाए साथ ही उनके जैसे कोई अन्य मरीज इस तरह के डॉक्टर के शिकार न बने इसलिए उक्त कर्मचारी के ऊपर भी उचित कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए.
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इस संबंध में पुरूष स्वास्थ्यकार्यकर्ता राजेंद्र कुमार पटेल से पूछे जाने पर बताया कि 3 माह पूर्व वह व्यक्ति उनके पास ईलाज करवाने के लिए आया था, उनके द्वारा गलत ईलाज नहीं किया गया है. जब उन्हें निजी क्लिनिक चलाने के परमिशन के संबंध में पूछा गया तो वे निजी क्लिनिक नहीं चलाने की बात कहने लगे.