शीतकालीन अवकाश के बाद अब पकड़ा पढ़ाई का जोर


0-आठ दिन शीतकालीन अवकाश तथा दो दिन के अघोषित अवकाश उपरांत स्कूलों में लौटी रौनक-0
नवभारत सरायपाली. आठ दिन के शीतकालीन अवकाश तथा 2 दिनों के अघोषित अवकाश के बाद स्कूलों में पढ़ाई जोर पकड़ रही है. छुट्टी के बाद बच्चों की उपस्थिति भी आज शहर के कई स्कूलों में अच्छी खासी देखने को मिली. 24 से 31 दिसम्बर तक शीतकालीन अवकाश था, तो वहीं 1 जनवरी को नए वर्ष तथा 2 जनवरी को पूष पुन्नी होने की वजह से कई स्कूलों में छुट्टी जैसा माहौल रहा. 10 दिन के बाद अब स्कूलों में भी रौनक लौटी है, तो वहीं पढ़ाई भी जोरों से शुरू हो गई है. वैसे भी जनवरी के अंतिम सप्ताह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर चलता है इस वजह से भी पढ़ाई प्रभावित होती है. इसे देखते हुए जनवरी महीने के शुरू होते ही स्कूलों में पढ़ाई का रफ्तार शुरू हो चुका है. 
    शिक्षा गुणवत्ता वर्ष की वजह से जनवरी महीने में फोकस शालाओं का पुन: अकादमिक निरीक्षण किया जाना है. इसे लेकर पहली आठवीं तक के स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन के अलावा गुणवत्ता से संबंधित शिक्षण कार्य किए जा रहे हैं. वहीं नौवीं से लेकर बारहवीं तक की कक्षा का पाठ्यक्रम पूर्ण करने में भी शिक्षक लगे हुए हैं. इस दृष्टि से 26 जनवरी तक का समय अध्यापन कार्य में तेजी देखने को मिलेगी. इस वर्ष एक तो शिक्षाकर्मियों की हड़ताल की वजह से 15 दिन तथा शीतकालीन छुट्टी को मिला दिया जाए तो कुल एक महीने तक स्कूलों में अध्यापन कार्य ठप्प रहा. विगत कुछ वर्षों से प्रदेश भर में चलाए जा रहे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता वर्ष का अभियान चलाए जाने से भी पढ़ाई में गुणवत्ता देखी जा रही है. यह अभियान कई चरणों में चल रहा है. हर वर्ष फोकस शालाओं पर ध्यान लगाकर उनके यहां गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं. 

ट्यूशन कोचिंग का भी जोर
दसवीं, बारहवीं बोर्ड परीक्षा के बच्चे स्कूली पढ़ाई  के अलावा ट्यूशन कोचिंग में व्यस्त हैं. सभी कठिन विषयों पर विद्यार्थी ट्यूशन कोचिंग का सहारा ले रहे हैं. वैसे भी जनवरी महीने तक ही इसका भी जोर रहेगा. फरवरी से प्रेक्टिकल परीक्षा शुरू हो जाती है तथा विद्यार्थी भी अपने तैयारी में व्यस्त रहते हैं. इसे देखते हुए जनवरी का महीना ट्यूशन कोचिंग के लिए जोर रहेगा. 

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