अंचल मे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पूस पुन्नी


नगर के विभिन्न मार्गों पर पसरा रहा सन्नाटा

नवभारत सरायपाली. आज मंगलवार को पूरे अंचल में पूस पुन्नी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. छोटे-छोटे बच्चे छेरछेरा को लेकर अधिक उत्साहित नजर आए. त्यौहार के कारण आज सभी मार्गों में सन्नाटा रहा, लोग अपने घरों में त्यौहार मनाने के लिए व्यस्त नजर आए. वहीं शहर के अधिकांश दुकाने भी बंद रही. हालांकि त्यौहार के कारण कल सोमवार को शहर के किराना दुकानों में अच्छी भीड़ भाड़ दिखाई दे रही थी. इसके बावजूद  विगत वर्षों में त्यौहार को लेकर जिस प्रकार का उत्साह देखा जाता था, इस वर्ष अपेक्षाकृत कम दिखा.  प्रमुख रूप से खाने पीने एवं उल्लास क ा त्यौहार होने के कारण लोगों के घरों में कई तरह के पकवान बनाये गए. पूस पुन्नी में बनाया जाने वाला अरसा पीठा विशेष रूप से बनाया गया जिसकी तैयारी लोग कई दिनों से कर रहे थे.
     मुख्यत: फसल समाप्ति के बाद किसान धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं. इस वर्ष अकाल पड़ने की वजह से त्यौहार की रौनकता कम दिखाई दी. इसके बावजूद त्यौहार को लेकर कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्र में महिलाऐं तरह-तरह के पकवान बनाने में जुटी हुई थीं. इसके लिए किराना दुकानों में भी सोमवार को खरीदारी सबसे अधिक देखी गई. कई दिनों से शांत बैठे रहे किराना दुकानों में पूस पुन्नी त्यौहार के चलते भीड़भाड़ बढ़ गयी थी, जबकि शेष अन्य सभी दुकानों में सुनापन नजर आया.  दूर दराज में नौकरी पढ़Þाई करने वाले लोग अपने-अपने गृहग्राम त्यौहार के लिए पहुंचे हुए थे.  खाने पीने के इस त्यौहार को लेकर मटन मार्केट का बाजार विशेष गर्म रहा. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी तैयारी जोरों से चल रही थी और आज सभी गांवों में इसकी धूम रही. त्यौहार के कारण आज नगर के सभी दुकानों में अवकाश का माहौल देखा गया, अधिकांश दुकानें बंद रहीं और जो खुले भी तो वहाँ ग्राहकी नहीं के बराबर रही. त्यौहार को लेकर छोटे बच्चे अधिक उत्साह में दिखे. नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की टोली छेरछेरा मांगने के लिए घूमती रही. कुछ ग्रामों में गाजे-बाजे के साथ बड़ों की टोली भी छेरछेरा मांगते नजर आए.

ढेंकी से पीसा जाता है अरसा का चावल
पूस पुन्नी के लिए अंचल में विशेष रूप से अरसा नामक पकवान तैयार किया जाता है. मुख्यत: चावल से बनने वाले अरसा में मेहनत बहुत अधिक लगता है. चावल को भिंगोने के बाद उसे ढेंकी से कूटने के बाद ही वह सबसे अधिक चिकना होता है. आजकल ढेंकी की कमी की वजह से कई लोग हालर एवं अन्य मशीन से पिसाकर इसे चिकना करते हैं, जो अपेक्षाकृत ढेंकी से बने अरसा की भांति ठीक से तैयार नही हो पाता. जोगनीपाली के कुन्ती बाई निषाद, टावरपारा के संध्या भोई आदि महिलाओं ने बताया कि ढेंकी की परेशानी के चलते खलबत्ता, आटा चक्की से पिसवाकर अरसा बना रहे हैं. हालांकि उन्होने भी ढेंकी से ही अच्छा अरसा बनने की बात कही. 

अंचल का बड़ा त्यौहार होने के बावजूद भी छुट्टी नहीं

पूरे फुलझर अंचल में मनाया जाने वाला पूस पुन्नी त्यौहार में स्थानीय स्तर पर कोई शासकीय अवकाश नहीं रहता. बीते कई वर्षों पहले महासमुंद कलेक्टर निहारिका बारिक सिंह ने पूस पुन्नी पर पूरे जिले में अवकाश घोषित किया था. इसके बाद से अब तक किसी भी कलेक्टर के द्वारा पूस पुन्नी पर अवकाश घोषित नहीं किया गया है. इस अंचल के लोग पूरे जिले में विभिन्न स्थानों पर निवास करते हैं तथा त्यौहार के लिए वे भी अपना काम काज बंद कर घरों को लौटते हैं और पूरे परिवार के साथ त्यौहार का आनंद लेते हैं. लेकिन अवकाश न रहने पर कभी-कभी उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है.

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