कार्यक्रमों के जरिए 2018 के लिए जमीन तलाशने में जुटे संभावित प्रत्याशी
0- ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है कई तरह के आयोजन-0
0-सोशल मीडिया बना प्रचार का माध्यम-0
नवभारत सरायपाली. विधानसभा चुनाव को लेकर मुश्किल से एक वर्ष का समय बचा है इसे देखते हुए यहां के संभावित प्रत्याशी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं. सरायपाली विधानसभा का सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है, इन्हीं वर्गों के राजनीति दलों से जुड़े नेता तथा नए चेहरे इन दिनों अपनी जमीन तलाशने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिए हैं. फिलहाल यह कोई स्पष्ट चुनावी दौरा नही है परंतु कार्यक्रमों के जरिए पहुंचकर उन्हें ग्रामीणों से रूबरू होने तथा अपनी पहचान बनाने का मौका भली भांति मिल रहा है. भाजपा कांग्रेस एवं अन्य दलों से टिकट की डोर आखिर मिलेगा इसके लिए काफी वक्त बचा हुआ है. इसके वावजूद भी अपने -अपने तरीके से लोगों के सामने पहुंचने लगे हंै.
वर्ष 2008 में सरायपाली विधानसभा की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद यहां के दूसरे वर्गों के कद्दावर नेताओं को अपनी राजनीतिक ईच्छा दबानी पड़ी. वर्ष 2008 में कांग्रेस के हरिदास भारद्वाज विधायक बने तो 2013 के चुनाव में भाजपा से रामलाल चौहान निर्वाचित हुए. अब 2018 के लिए यहां भाजपा कांगे्रस में टिकट को लेकर घमासान मचने की संभावना जताई जा रही है. विगत चुनाव में जो टिकट के लिए वंचित हो गए थे ऐसे संभावित प्रत्याशी इस बार किसी भी कीमत पर टिकट के बिना दूसरा कोई मान मनौव्वल में नही मानने वाले इसकी जानकारी कुछ नेताओं से सूत्रों से मिली है. हर कोई टिकट की दौड़ से अपने को पीछे होना नही चाहते. इसलिए छोटे से लेकर बड़े कार्यक्रमों में वे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इस बार भाजपा, कांग्रेस, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के नेता भी इस दौड़ में शामिल हो गए हैं.
क्षेत्र में अपनी पैठ बना चुके नेताओं को छोड़कर कई बाहर से आए नेता, कई सेवानिवृत शिक्षक, कुछ महिलाऐं इन दिनों काफी सक्रियता से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. इन दिनों वैसे भी क्रिकेट, कबड्डी, प्रवचन सहित कई तरह के कार्यक्रम चल रहे हैं. ऐसे कार्यक्रमों में जानकारी मिलते ही कई बुलावे पर कई बिन बुलाये भी पहुंच रहे हैं. सबसे अधिक उनके दौरे के लिए प्रचार का माध्यम इन दिनों सोशल मीडिया बना हुआ है. सोशल मिडिया के जरिए कई नेता अपने पहुंचने की जानकारी दे रहे हैं तो कई गुपचुप तरीके से भी गांव गांव घूमकर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. इसके पहले कुछ नेता दीपावली मिलन, नववर्ष मिलन आदि आयोजित करके भी कार्यकर्ताओं को चुनावी दौड़ में शमिल होने का संकेत दे चुके हैं.
Tags
नवभारत सरायपाली