धूल के गुबार से नहा रहे हैं सैकड़ों गांव के ग्रामीण
सरायपाली. ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों कई सड़कों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है, जिससे उस मार्ग पर चलना भी दूभर हो गया है. ग्राम कुटेला से अंतरझला पहुंच मार्ग इसका उदाहरण है, यह मार्ग इन दिनों काफी जर्जर हो गया है. लगभग 8 वर्ष पूर्व इसका डामरीक रण हुआ था. डामरीकृत होने के लगभग 2 वर्ष तक ही यह मार्ग सही सलामत रहा, उसके बाद से न तो इसका मरम्मत किया जा रहा है और नया स्वीकृत हो रहा है.
जानकारी अनुसार कुटेला चौक से अंतरझला पहुंचमार्ग विगत 8 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया गया था, जो केवल दो वर्ष बाद गिट्टी एवं गड्ढों में तब्दील हो गया. गारंटी अवधि में ही डामरीकृत यह रोड जर्जर हो गया था. इस रोड में हर रोज दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीण स्कूली बच्चे, स्कूल बस के अलावा ट्रकों, डंफरों एवं अन्य चारपहिया वाहन भी हमेशा आवाजाही करते हैं. ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान बताया कि इस मार्ग में चलने वाले राहगीरों को सबसे ज्यादा तकलीफ धूल एवं गड्ढों से होती है. इसके अलावा रोड के किनारे स्थित दुकानों एवं घरों में हर रोज धूल की परत जम जाती है.
जगह-जगह अनगिनत गड्ढे बन गए हैं. सड़क बनने के पूर्व की स्थिति से भी अब यह ज्यादा खराब हो गया है. इस मार्ग में कुटेला, माधोपाली, इच्छापुर, केना, टेंगनापाली, जलगढ़, नानकपाली, सिंगारपुर, खैरझिटकी, बेलमुण्डी, कोदोगुड़ा, अंतरझला, हरिबनपुर, बस्तीपाली, केसराटाल, बागद्वारी तक के बच्चे स्कूल, कॉलेजों में पढ़ने वाले लगभग 150 बच्चे हर रोज धूल एवं हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं.